लेखनी प्रतियोगिता -18-Sep-2023 "मुस्कान"
"मुस्कान"
तुम मुस्कान बिखेरो कुछ ऐसी
रोते को भी हंसी आ जाए
दो पल में गम वो बिसराए
जीने को आतुर हो जाए...!!
तुम मुस्कान बिखरो कुछ ऐसी....
पल भर के जीवन को तुम
एक सदी बनाकर दे जाओ
मुस्कान से मिटा दो दर्द सभी
जीवन रंगों से कुछ ऐसे भर जाओ...!!
तुम मुस्कान बिखेरो कुछ ऐसी....
मुस्कान के मोती बिखराओ ऐसे
कि हर तमन्ना खुशियोँ की अंगड़ाई ले बैठे
ना रह जाए रंजो गम का नाम कोई
तुम ऐसे दरिया खुशियों का बाहों में भर बैठो...!!
तुम मुस्कान बिखेरो कुछ ऐसी....
रहो जहां भी तुम जैसे भी
हर होठों की बन जाओ रौनक ऐसी
कलिया मुस्कान की हर दिल में खिला आओ
बन जाओ वो खुशियोँ की माला ऐसी...!!
तुम मुस्कान बिखेरो कुछ ऐसी....
मुस्कान वो ऐसी पूंजी है
जो.मात दर्द को इक पल में दे देती है
गम रह जाते हैं पीछे खाई में
मुस्कान अपना परचम लहरा जाती है...!!
तुम मुस्कान बिखेरों कुछ ऐसी....
मधु गुप्ता "अपराजिता"
✍️✍️🌹🌹✍️✍️
Varsha_Upadhyay
19-Sep-2023 07:10 PM
Nice 👍🏼
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
19-Sep-2023 08:38 AM
सुन्दर सृजन
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Madhu Gupta "अपराजिता"
19-Sep-2023 10:21 AM
Thank u so much 🙏🙏
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Reena yadav
18-Sep-2023 05:05 PM
👍👍
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Madhu Gupta "अपराजिता"
19-Sep-2023 10:21 AM
🙏🙏🌹🌹
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